हरिद्वार में पुलिस प्रशासन ने जूना अखाड़े पहुंच हटाए तंबू, आज से प्रस्तावित विश्व धर्म संसद स्थगित

हरिद्वार
बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रहे अत्याचारों के विरूद्ध श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े में गुरुवार से प्रस्तावित विश्व धर्म संसद के आयोजन को पुलिस ने रूकवा दिया है। तीन दिवसीय आयोजन की जूना अखाड़ा परिसर में सभी तैयारियां पूरी कर ली गई थीं। हालांकि, जिला प्रशासन ने विश्व धर्म संसद के आयोजन की अनुमति नहीं दी थी।

पुलिस ने अखाड़ा परिसर में चस्पा कर दिया नोटिस
पुलिस प्रशासन ने सुबह जूना अखाड़े पंहुचकर वहां लगे तंबू आदि उखड़वा दिए और अखाड़ा परिसर में इस संबंध में नोटिस चस्पा कर दिया। प्रशासन की कार्रवाई के बाद दबाव में आते हुए आयोजकों ने धर्म संसद को स्थगित कर दिया। इक्कीस दिसंबर तक होने वाली धर्म संसद का आयोजन जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर और गाजियाबाद के डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद गिरी द्वारा किया जा रहा था। यति नरसिंहानंद करीब दो वर्ष पहले भी हरिद्वार मे आयोजित धर्म संसद में घृणा भाषण मामले में जेल जा चुके ह । बाद में यति नरसिंहानन्द ने कहा, ‘‘बांग्लादेश में जिस तरह से हिंदुओं का नरसंहार हो रहा है, पाकिस्तान में हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे हैं और कश्मीर से हिंदुओं को हटा दिया गया, उसकी भविष्य में पुनरावृत्ति न हो और भारत इस्लामी जिहाद का शिकार न बन जाए, इस पर चर्चा के लिए धर्म संसद का आयोजन किया गया था।'' उन्होंने कहा कि वह जिला प्रशासन द्वारा अनुमति न देने के कारण यह धर्म संसद स्थगित कर रहे हैं।

हरिद्वार से उच्चतम न्यायालय तक करेंगे पैदल यात्रा- नरसिंहानंद
यति नरसिंहानंद ने घोषणा की कि इसके विरोध में अब वह हरिद्वार से उच्चतम न्यायालय तक पैदल यात्रा करेंगे और वहां अपनी गुहार लगाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने इस्लाम के बारे में जो बात कही है, अगर वह गलत है तो उच्चतम न्यायालय द्वारा दी गई कोई भी सजा मैं भुगतने को तैयार हूं। दो वर्ष पूर्व भी यति नरसिंहानंद द्वारा हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में कथित घृणा भाषण को लेकर देश भर में उनकी आलोचना हुई थी जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। एक दिन पूर्व बुधवार को भी धर्म संसद के आयोजन की अनुमति न मिलने पर यति नरसिंहानंद गिरी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अपने खून से पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि हिंदू राष्ट्र की बात करते-करते हिन्दू इस देश में दोयम दर्जे का नागरिक बन गया है।

पत्र में उन्होंने लिखा था कि वह और उनके कुछ साथी बांग्लादेश और पाकिस्तान में हिंदुओं के नृशंस नरसंहार से व्यथित होकर उनकी पीड़ा को दुनिया भर तक पहुंचाने के लिए माया देवी मंदिर श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े में विश्व धर्म संसद का आयोजन कर रहे हैं और उनका यह आयोजन किसी सार्वजनिक स्थान पर नहीं बल्कि जूना अखाड़े के मुख्यालय पर हो रहा है। उन्होंने लिखा, ‘‘यह भीड़ एकत्रित करके शक्ति प्रदर्शन करने का कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है बल्कि सीमित संख्या में संतों और प्रबुद्ध नागरिकों का एक छोटा सा सम्मेलन है। मंदिर के अंदर होने वाले ऐसे किसी कार्यक्रम के लिए कोई अनुमति की आवश्यकता नहीं है। परन्तु हरिद्वार के प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी शायद हम हिंदुओ को दोयम दर्जे का नागरिक मानते हैं और हम पर इसके लिए अनुमति मांगने का दबाव बना रहे हैं।'' पत्र में उन्होंने कहा, ‘‘क्या अब हिंदुओ को अपने धर्म बंधुओं की नृशंस हत्याओं पर रोने के लिए भी सरकार की अनुमति की जरूरत पड़ेगी।''

 

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button